SEO क्या होता है और सर्च इंजन कैसे आपके वेबसाइट रैंकिंग करता है?

यह लेख आपके वेबसाइट का क्रॉलिगं, इंडेक्सिंग, रैंकिंग एवं ट्रैफिक बढ़ाने में मदद कर सकता है. Seopost.in वेबसाइट से आप हंड्रेड परसेंट फ्री में एसईओ नेचुरल सीख सकते हैं.

सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (SEO) सर्च इंजन पर किसी वेबसाइट की रैंकिंग में सुधार करने की प्रथा है। रैंकिंग जितनी अधिक होगी, लोगों के वेबसाइट खोजने की संभावना उतनी ही अधिक होगी।

वेबसाइट सामग्री, संरचना और खोजशब्दों को अनुकूलित करने सहित विभिन्न तरीकों से एसईओ को पूरा किया जा सकता है; साथ ही अन्य वेबसाइटों से साइट के लिए लिंक बनाना।

एसईओ व्यवसायों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उन्हें ऑनलाइन अपनी दृश्यता में सुधार करने में मदद कर सकता है, जिससे अधिक ग्राहक और बिक्री हो सकती है।

सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन को समझने के लिए आपको सबसे पहले क्रॉलिगं, इंडेक्सिं, रैंकिंग और ट्रैफिक के कंसेप्ट को समझना होगा. तभी जाकर के आप सही मायने में एस ई ओ कर पाएंगे.

CrawlingKya Hota Hai?

आपके वेबसाइट पर क्या है? यह जानने के लिए सर्च इंजन अपने क्रॉलर को आपके वेबसाइट पर भेजता है. अगर आपके वेबसाइट का आर्किटेक्चर बेहतर होने की स्थिति में क्रॉलर वेबसाइट के कंटेंट को बहुत आसानी से क्रॉल कर सकता है.

IndexingKya Hota Hai?

सर्च इंजन आपके वेबसाइट को क्रॉल करने के बाद यूजफुल डाटा का एक इंडेक्स बनाता है, जिसे इंडेक्सिंग कहते हैं. गूगल क्वालिटी एवं यूनिक कंटेंट को सबसे पहले इंडेक्सिंग करना पसंद करता है.

RankingKya Hota Hai?

सर्च इंजन इंडेक्सिंग करने के बाद विभिन्न वेबसाइटों से लिए गए कंटेंट की रैंकिंग करता है. हर सर्च इंजन का अपना एक अलग अलग एल्गोरिथ्म होता है जो रैंक 200 से ज्यादा फेक्टरों पर डिपेंड करता है.

TrafficKya Hota Hai?

कीवर्ड्स के सर्च परिणामों एवं सर्च वॉल्यूम पर किसी भी वेबसाइट का ट्रैफिक निर्भर करता है. यूजर सेटिस्फेक्शन का भी ट्रैफिक में अहम रोल होता है.

IncomeKya Hota Hai?

वेबसाइट की कमाई मुख्य रूप से कमर्शियल कीवर्ड्स (हाई सीपीसी) एवं ट्रैफिक पर निर्भर करता है. प्रोफेशनल तरीके से एफिलिएट मार्केटिंग और गूगल ऐडसेंस के सही एड प्लेसमेंट से ब्लॉग की कमाई बढ़ाया जा सकता है.

सही मायने में SEO क्या है और कैसे काम करता है?

एसईओ (सर्च इंजन ऑप्टिमाइज़ेशन) एक Process है जिसमें आप अपनी वेबसाइट या ब्लॉग को सर्च इंजन के अनुरूप (बेहतर) बनाने के Techniques को कहते हैं.

सर्च इंजन एक वेब-आधारित उपकरण है जो उपयोगकर्ताओं को वर्ल्ड वाइड वेब पर जानकारी का पता लगाने में मदद करता है. Google दुनिया का सबसे ज्यादा पॉपुलर सर्च इंजन है.

प्रश्न उठता है कि आपके वेबसाइट और सर्च इंजन के बीच कैसा संबंध है? क्या आपका वेबसाइट सर्च इंजन के अनुरूप है? आप कभी भी सर्च इंजन को अपने वेबसाइट के अनुरूप नहीं बना सकते हैं. इसका मतलब यह हुआ जो कुछ भी कर सकते हैं, आप अपने ही वेबसाइट पर कर सकते हैं.

  • Crawling
  • Indexing
  • Ranking
  • Traffic

सर्च इंजन कैसे काम करता है? यह समझना बहुत ही आवश्यक है. सर्च इंजन अपने स्वयं के वेब क्रॉलर का उपयोग करके सैकड़ों अरबों वेब पेज को क्रॉल करता है. सर्च इंजन के क्रॉलर को स्पाइडर या बॉट कहा जाता है. क्रॉल करने के बाद सर्च इंजन डाटा को व्यवस्थित ढंग से अपने डेटा देश में स्टोर कर लेता है, जिसे इंडेक्सिंग या सूचकांक कहते हैं.

जब कोई उपभोक्ता एक कीवर्ड को सर्च इंजन पर सर्च करता है तो इसी बने सूचकांक का प्रयोग करके उपभोक्ता को रिजल्ट दिखाता है. सर्च इंजन अपने एल्गोरिथ्म के अनुसार वेब पेजों की Ranking करता है.

सर्च इंजन अपने पहले पेज पर 10 रिजल्ट दिखाता है. उस 10 परिणामों में से उसके लिए जो रिलेवेंट होता है उस पर उपभोक्ता क्लिक करता है. उपभोक्ता क्लिक करने के बाद वेबसाइट पहुंच जाता है.

Crawling Rate किन-किन चीजों पर निर्भर करता है?

Google के अधिकारिक क्रॉलर नाम Googlebot है. प्रश्न उठता है कि गूगल बॉट आपकी वेबसाइट पर किस तरह से पहुंचता है? मुख्य तौर पर माना जाता है कि गूगल बॉट आपके वेब साइट पर साइट मैप के द्वारा पहुंचते हैं.

विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर आपके वेबसाइट का लिंक किसी हाई ट्रेफिक वेब पेज पर प्रजेंट हो, उस बेकलिंक के द्वारा क्रॉलर आसानी से आपके वेबसाइट तक पहुंच जाता है. हाई क्वालिटी बैकलिंक्स हो तो crawling की एफिशिएंसी बढ़ जाती है.

एक बेहतर साइटमैप (HTML, XML & Image) के अलावा Feed, Website Speed, Schema और Fresh and Unique Content भी crawling को bost करता है.

Robots.txt व Noindex के प्रयोग से किसी भी वेब पेज का क्रॉलिंग को रोका जा सकता है. आपको अपने साइड से यह भी चेक करना आवश्यक है कि, आपने अपने साइड से crawling को बंद करके रखा तो नहीं है.

Indexing किन-किन बातों पर निर्भर करता है?

डोमेन की अथॉरिटी एवं ट्रैफिक के अलावा यूनिक एंड फ्रेश कंटेंट पर बहुत ज्यादा निर्भर करता है. डुप्लीकेट और दूसरे वेबसाइट से कॉपी किया हुआ कंटेंट क्रॉलिगं, इंडेक्सिंग एवं रैंकिंग पर बहुत बुरा प्रभाव डालता है.

Ranking किन-किन बातों पर निर्भर करता है?

गूगल सर्च कंसोल के ब्लॉग में लिखा है ” किसी भी वेब पेज का रैंक 200 से ज्यादा फेक्टर पर डिपेंड करता है”. गूगल अपने सर्च रिजल्ट को बेहतर बनाने के लिए एल्गोरिथ्म का प्रयोग करता है. समय-समय पर अपने एल्गोरिथ्म बदलाव भी करता है.

उसके एल्गोरिथ्म डिकोड करना लगभग इंपॉसिबल है. रैंकिंग के चैप्टर कुछ एवरग्रीन है. जिस पर आपको काम करना चाहिए. जो गूगल के सर्च करने वाले कस्टमर को जो पसंद है. वह गूगल को भी पसंद होता है.

गूगल के एल्गोरिथ्म आधार लोकतांत्रिक होता है. यह समझना आवश्यक है कैसे मैं से लोकतांत्रिक कह रहा हूं. मान लें कि किसी भी वेब सर्च रिजल्ट में, गूगल रैंकिंग के आधार पर 10 रिजल्ट को पहले डिस्प्ले करती है.

उस 10 रिजल्ट में से जिस पर सबसे ज्यादा क्लिक जिस वेब पेज पर होता है. उस वेब पेज का ctr सबसे ज्यादा हो होता है. इस 10 में से तीसरे पायदान पर वेब पेज पर अगर ज्यादा क्लिक हो रहा है तो दूसरे या पहले स्थान पर कर दिया जाता है.

वेबसाइट पर पहुंचने के बाद यूजर कैसा फील करता है. वेबसाइट का लुक एंड फील यूजर को कुछ समय के लिए रोकता है. अगर कंटेंट की क्वालिटी बहुत अच्छा हुआ तो यूजर 3 से 7 मिनट तक अगर रुक जाता है.

इसी दौरान अगर उस यूजर को आपके द्वारा दिए गए कोई इंटरनल लिंक मिल जाता है और उस पर वह क्लिक कर देता है. आपके उस पेज का बाउंस रेट जीरो हो जाता है. गूगल इस तरह के वेव पेज को अच्छा मानता है. जो रैंकिंग का एक बड़ा फैक्टर होता है.

SEO के कितने प्रकार के होते हैं?

SEO को मुख्यतः ऑफ पेज एवं ऑन पेज एसईओ के रूप में विभाजित किया जाता है. आप अपने वेबसाइट पर जो कुछ भी बदलाव करते हैं सर्च इंजन के अनुरूप उसे ऑन पेज एसईओ कहते है.

आप अपने वेबसाइट के अलावा किसी दूसरे वेबसाइट पर बैकलिंक्स या अपने वेबसाइट का प्रमोशन करते हैं उसे ऑफ पेज एसईओ कहते हैं.

अपने वेबसाइट की रैंकिंग बढ़ाने के लिए चाहे आप ऑफ पेज या ऑन पेज एसईओ उसे ऑफ़ वाइट हेड एसईओ कहा जाता है.

आपके वेबसाइट की रैंकिंग एवं छवि को बिगाड़ने के लिए कोई दूसरा व्यक्ति या खुद आप एसईओ करते हैं तो उसे ब्लैकहेड एसईओ कहा जाता है.

Conclusion Points

एसईओ उच्च वेब ट्रैफ़िक स्तर अर्जित करने और साइट की दृश्यता में सुधार के लक्ष्य के साथ Google खोज के लिए एक वेबसाइट को अनुकूलित करने की प्रक्रिया है।

ऐसा करने के लिए, SEO साइट की SERP दृश्यता में सुधार के अवसरों की पहचान करने के लिए ऑन-पेज और ऑफ-पेज रैंकिंग दोनों कारकों का विश्लेषण करता है। एक बार इन अवसरों की पहचान हो जाने के बाद, लिंक बिल्डिंग, कंटेंट मार्केटिंग और अन्य एसईओ रणनीतियों के माध्यम से उनका फायदा उठाया जा सकता है।

SEO एक जटिल और हमेशा विकसित होने वाला क्षेत्र है, लेकिन यह कैसे काम करता है, इसकी मूल बातें समझकर, आप अपनी वेबसाइट को उच्च ट्रैफ़िक स्तर अर्जित करने और इसकी समग्र दृश्यता में सुधार करने के मार्ग पर रख सकते हैं।

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