On Page SEO Kya Hai? 2023 में हमें ऑन पेज एसईओ कैसे करना चाहिए

मैं भी आपकी तरह एक ब्लॉगर हूँ. मुझे बहुत अच्छे से पता है कि किसी भी नये वेबसाइट को एक मामूली कीवर्ड पर रैंक कराना एक मुश्किल काम होता है.

कीवर्ड पर रैंक कराने के क्रम में एक बात निकल कर आती है, उसका नाम एसईओ है. पहले थोड़ा संक्षेप में समझने की कोशिश करते हैं कि एसईओ क्या होता है?

संक्षेप में पढ़ें

ऑन पेज SEO सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक है जो आप सर्च इंजन में अपनी वेबसाइट की रैंकिंग को बेहतर बनाने के लिए कर सकते हैं। यह भी सबसे आसान कामों में से एक है।

यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपकी वेबसाइट खोज इंजन के लिए अनुकूलित है, कुछ सरल कदम उठा सकते हैं। पहला कदम सही कीवर्ड चुनना है। कीवर्ड वे शब्द या वाक्यांश हैं जिनका उपयोग लोग आपकी वेबसाइट खोजने के लिए करेंगे।

एक बार जब आप अपने खोजशब्द चुन लेते हैं, तो उन्हें अपनी वेबसाइट पर उपयोग करना महत्वपूर्ण है। शीर्षक में, शीर्षकों में, बॉडी टेक्स्ट में और URL में उनका उपयोग करें। इससे सर्च इंजन को आपकी वेबसाइट खोजने और यह समझने में मदद मिलेगी कि यह किस बारे में है।

ऑन पेज SEO का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू लिंक बिल्डिंग है। समान सामग्री वाली अन्य वेबसाइटों से लिंक करने से आपकी वेबसाइट की रैंकिंग सुधारने में मदद मिल सकती है।

अपने वेबसाइट या एक वेब पेज को सर्च इंजन के अनुरूप बनाने की क्रिया को एसईओ (सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन) कहते हैं. प्रश्न उठता है कि हम अपने वेबसाइट को सर्च इंजन के अनुरूप कैसे बनाएं?

वेबसाइट फॉर सर्च इंजन के अनुरूप बनाने में दो पहलू आता है जिसमें से एक का नाम ऑन पेज दूसरा का नाम ऑफ पेज एसईओ है.

हम लोग अपने वेबसाइट के एडमिन पेज में सर्च इंजन के अनुरूप बनाने के लिए जो बदलाव करते हैं उसे ही ऑन पेज एसईओ कहा जाता है.

अपने वेबसाइट से बाहर सर्च इंजन के लिए जो कुछ भी करते हैं उसे ऑफ पेज एसईओ कैटेगरी में रखा जाता है. जिसमें मुख्य तौर पर बैक लिंक बनाना शामिल है.

अगर आप आज ने अपने कीमती 10 मिनट इस पोस्ट को दे दिया तो मान लीजिए कि आपको हंड्रेड परसेंट ऑन पेज एसईओ ज्ञान पूरा हो जाएगा.

ऑन पेज एसईओ में क्या-क्या किया जा सकता है?

ऑन पेज एसईओ क्या है? विस्तार से बताने से पहले आपको एसईओ के CIR अवगत कराना चाहता हूं.

  • C – Crawling
  • I – Indexing
  • R – Ranking

क्रॉलिंग – गूगल वेबमास्टर के अनुसार, क्रॉलिंग एक प्रोसेस है जिसके तहत सर्च इंजन के बॉट आपके वेब पेज पर डाटा यानी कंटेंट के लिए आते हैं.

इंडेक्सिं – गगूगल बॉट के द्वारा जुटाए गए कंटेंट अगर आदित्य (unique) एवं मूल्यवान हो तो गूगल उस कंटेंट का एक इंडेक्स बनाता है, इस क्रिया को इंडेक्सिंग कहते हैं.

रैंकिंग – सर्च इंजन अलग-अलग वेब पेजों के कंटेंट का इंडेक्सिंग करने के बाद रैंकिंग करता है. याद रखेगा कि यह रैंकिंग कभी भी बदल सकता है.

क्या आप के वेबसाइट का वेब पेज क्रॉलिंग के लिए पूरी तरह तैयार है? आपने कई बार महसूस किया होगा कि आपके द्वारा प्रकाशित आर्टिकल 1 सप्ताह के बाद भी गूगल सर्च में नजर नहीं आता होगा.

इसका सीधा सा मतलब हुआ कि, अभी तक आपकी वेब पेज को गूगल के बॉट ने करोल नहीं किया है.

क्रॉलिंग किन-किन फ़ैक्टरों पर निर्भर करती है?

  • Robots.txt
  • साइटमैप xml व html
  • वेबसाइट स्पीड
  • क्रॉलिंग बजट आदि.

इंडेक्सिं किन चीजों पर निर्भर करता है?

  • न्यू कंटेंट
  • यूनीक कंटेंट
  • मूल्यवान कंटेंट
  • रीडर के द्वारा पसंद किए जाने वाले कंटेंट आदि.

रैंकिंग किन चीजों पर निर्भर करता है?

  • क्वालिटी कंटेंट
  • फ्रेशनेस ऑफ कंटेंट
  • यूजर एक्सपीरियंस टाइम
  • बाउंस रेट आदि.

ऑन पेज एसईओ परिभाषा – वेब पेज या वेबसाइट को इस प्रकार से तैयार करना कि सर्च इंजन बड़े ही आसानी से क्रॉलिंग, इंडेक्सिंग और रैंकिंग कर पाए.

याद रखिए कि एसईओ 90% हिस्सेदारी ऑन पेज एसईओ ही रहता है. मेरे हिसाब से आपको ज्यादा से ज्यादा समय अपने वेबसाइट के लिए ऑन पेज एसईओ पर देना चाहिए.

एसईओ के CIR का ज्यादातर आवश्यकताएं ऑन पेज एसईओ ही पूरा करता है. आप अपने वर्डप्रेस के एडमिन सेक्शन में जब किसी ने पोस्ट को प्रकाशित करने के लिए ओपन करते हैं तो आपको यह देखने को मिलता होगा.

On Page SEO Kaise Kare?

ऑन पेज एसईओ में 10 से भी ज्यादा उप शीर्षक हैं, मुझे पता है कि इनमें से कुछ उप शीर्षक आप को पहले से ही पता होगा. इसलिए मैं कहूंगा कि जो उप शीर्षक के ज्ञान आपके पास मौजूद हैं, उसे आप छोड़कर के आगे बढ़ सकते हैं.

1- सबसे पहले कीवर्ड रिसर्च करें

कीवर्ड के बारे में जानने के लिए आप फ्री में गूगल एडवर्ड से डाटा प्राप्त कर सकते हैं. किस कीवर्ड में कितना सर्च वॉल्यूम है, सीपीसी कितना है आदि जानकारी आपको मिल जाएगा. इसके अलावा कुछ सशुल्क टूल भी है जिसका आप उपयोग कर सकते हैं.

यूनिक कीवर्ड्स का चुनाव करें एडवर्ड से कीवर्ड प्राप्त करने के बाद आप उसे गूगल पर सर्च कीजिए. उन कीवर्ड्स का चुनाव कीजिए, जिसे किसी अच्छे रैंक वाले वेबसाइट ने अब तक उस कीवर्ड्स पर कंटेंट नहीं लिखा है.

अगर आप ऐसे कीवर्ड्स कंटेन लिख दें, आपका वेब पेज रैंक कर जाएगा. यह मेरा गारंटी है क्योंकि मैं इस ट्रिक का उपयोग करता हूं.

अगर आपको यूनिक कीवर्ड नहीं मिलता है, तो ऐसे में आपको बहुत बेहतरीन कंटेंट लिखना होगा. जैसे कि मैं इस आर्टिकल के लिए कर रहा हूं.

Keywords

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12 अक्टूबर 2021 में इन सभी कीवर्ड्स पर In Hindi Help नाम के वेबसाइट का पहला रैंक है. जिसे आप स्क्रीनशॉट के माध्यम से देख सकते हैं. अब मैं भी इसी कीवर्ड्स को टारगेट करके इस लेख को लिख रहा हूं.

कीवर्ड्स के इंटेंशन एवं डिमांड के अनुरूप कंटेंट लिखिए – मैं इस कंटेंट को लिखने से पहले, गूगल के सर्च रिजल्ट के टॉप 20 वेबसाइट के कंटेंट को मैंने बहुत अच्छे से पढ़ा. मुझे उन सभी लेखकों के द्वारा लिखे गए लेख में कुछ कमी मिला.

उस कमी को मैं इस आर्टिकल के माध्यम से पूरा करने जा रहा हूं. मुझे पता है कि आप में से कोई ना कोई उन टॉप सर्च रिजल्ट वाले वेबसाइट के कंटेंट को पढ़ने के बाद आप हमारे वेबसाइट में प्रस्थान करेंगे.

अगर आप बाकी वेबसाइट से ज्यादा समय इस वेबसाइट पर बिताएंगे तो गूगल को अच्छे से समझ में आ जाएगा कि लोगों को इस वेबसाइट का कंटेंट ज्यादा पसंद आ रहा है और इसकी रैंकिंग ऊपर जाना तय है.

2 – SEO Title, Introduction, Heading, Subheading और Meta Description

अगर सही मायने में कहा जाए तो आर्टिकल की आत्मा इन 5 चीजों में बसती है. इन पांचों का रैंकिंग फैक्टर में बहुत बड़ा रोल होता है.

  • SEO Title
  • Introduction
  • Heading
  • Subheading
  • Meta Description

अगर आपका वेबपेज सर्च रिजल्ट में भले ही पहले रैंक पर नहीं हो, किंतु आपके वेब पेज का SEO Title और Meta Description आकर्षक हो तो ट्रैफिक मिलेगा ही मिलेगा. कुछ दिनों के बाद आपके वेब पेज पहले रैंक पर होगा.

SEO Title Example

  1. On Page SEO Kya Hai? 2021 में हमें ऑन पेज एसईओ कैसे करना चाहिए
  2. On Page SEO Kya Hai – यही कीवर्ड है जिस पर मैंने एस ई ओ टाइटल बनाया है. क्योंकि यह कीवर्ड लंबा है जिसे लोग long-tail कीवर्ड बोलते हैं. SEO title length 60 से 65 characters का होना चाहिए.

2021 में हमें ऑन पेज एसईओ कैसे करना चाहिए – टाइटल का यह भाग आपके जरूरत को पूरा करता है.

Meta Description Examples

ऑन पेज एसईओ क्या है यही नहीं ना आप इस लेख के माध्यम से 21 स्टेप में करना भी सीखेंगे, कुछ ऐसे भी कंसेप्ट हैं इससे पहले आपने कभी नहीं आजमाया होगा.

ऑन पेज एसईओ क्या है? इस कीवर्ड्स का प्रयोग मैंने सबसे पहले क्या है. आप कैसे सीखेंगे यह बताया गया है और नया क्या है यह भी आखिर में शामिल किया गया है. Meta Description का Length 155 से 160 characters का होना चाहिए.

Introduction – लेख के शुरुआत में अगर आप अच्छे वाक्यों का चयन करते हैं तो पहले वाले पर एक अच्छा इंप्रेशन जाता है. अगर पढ़ने वाले को यह भरोसा हो जाए कि आगे कुछ अच्छा लिखा गया है तो वह तुरंत बैक बटन नहीं दबाएंगा.

Heading और Subheading – अगर बेहतरीन हेडिंग हो तो सर्च इंजन के साथ-साथ पढ़ने वाले रीडर भी वैल्यू देते हैं. हेडिंग का आर्डर सही होना चाहिए, ताकि सर्च इंजन के बोर्ड एक हेडिंग को क्रॉल करने के बाद दूसरा भी क्रॉल करना चाहे.

टाइटल टैगस् का सही प्रयोग – गूगल सर्च कंसोल के गाइडलाइन के अनुसार, H1 टैग का उपयोग एक बार मेन हैडिंग में ही करना चाहिए. H2, H3 H4, H5, H6 & Bold Italic टैग का प्रयोग जो औरत के अनुसार कम से कम एक बार सभी का करना चाहिए.

आप इस आर्टिकल में देख रहे होंगे हेडिंग के बाद सब हेडिंग है, फिर आप यह भी देख रहे होंगे कि सब हेडिंग के अंदर में भी छोटे-छोटे शब्दों के हेडिंग है. यह तरीका सर्च इंजन के अलावा आपको भी पसंद आ रहा होगा.

3 – क्वालिटी एंड फ्रेश कंटेंट ऑन पेज एसईओ का सबसे धारदार हथियार है

कंटेंट इज अ किंग – आज भी यह शब्द एसईओ यह दुनिया में सबसे ज्यादा वैल्यू रखता है. याद रखिए पाठक ही नहीं सर्च इंजन भी आपके वेबसाइट से अच्छे कंटेंट के लिए ही आते हैं.

अगर आप एक कामयाब ब्लॉगर के रूप में अपने आप को देखना चाहते हैं तो आज भी आपका Unique Selling Proposition, Quality Content पर ध्यान केंद्रित होना चाहिए. इसका अल्टरनेट और कुछ भी नहीं है.

फ्रेश कंटेंट – आप अपने वेबसाइट के टॉप ट्वेंटी वेब पेज को सप्ताह में एक बार एडिट कीजिए. इसी तरह एक महीने तक करते रहिए. आपको गारंटी देता हूं कि आपके वेबसाइट का ट्राफिक कम से कम 50% बढ़ जाएगा.

इससे आप को सब पता चल गया होगा कि सर्च इंजन फ्रेश कंटेंट को कितना ज्यादा वैल्यू देता है. एक बार जरूर याद रखिएगा कि जब भी आप अपने पुराने कंटेंट को एडिट कर रहे हैं वह ते हो तो कोशिश कीजिए की हेडिंग एवं सब हेडिंग को कम से कम बदलाव कीजिए.

कंटेंट इंगेजमेंट – कंटेंट ज्यादा शब्दों का होने से seo में बहुत ज्यादा फायदा नहीं होता है. सर्च इंजन उस कंटेंट को अच्छा मानता है जिसको रीडर स्क्रोल करते समय पढ़ते हो. मान लीजिए कि मैंने इस आर्टिकल बहुत बड़ा कर दिया है, इसका फायदा तभी मिलेगा जब आप में से कोई इसे 10 से 15 मिनट तक पढ़ें.

4 – SEO Friendly URL कैसे बनाएं

सबसे पहले आपको यूआरएल का फुल फॉर्म बताना चाहता हूं. यूआरएल का फुल फॉर्म यूनिफ़ॉर्म रिसोर्स लोकेटर होता है. अब आपको यह समझ में आ गया होगा कि यूआरएल को एसीईओ फ्रेंडली क्यों बनाना चाहिए.

गूगल सर्च इंजन के क्रॉलर का नाम गूगल बॉट है. गूगल बॉट प्रोग्राम सॉफ्टवेयर है, जो आपके वेबसाइट पर रिसोर्स को खोजता है. अगर आप अपने वेबसाइट की यूआरएल को इसके अनुरूप बनाएंगे तो ऐसे में गूगल बॉट आसानी से कंटेंट को खोज पाता है.

लेकिन हममें से ज्यादातर लोग यूआरएल में कीवर्ड का डायरेक्ट प्रयोग कर देते हैं. 2021 से पहले इसका फायदा होता था. बदलते समय के अनुसार सर्च इंजन भी अपने अलगोथर्म को समय-समय पर बदलते रहता है.

जहां तक कि मेरा रिसर्च कहता है कि डायरेक्ट कीवर्ड का उपयोग यूआरएल में नहीं करना चाहिए. मेरे इस आर्टिकल का मेन कीवर्ड seo kya hai. मैं इस कीवर्ड का प्रयोग डायरेक्ट यूआरएल में नहीं किया है.

  • SEO Friendly URL Example – https://seopost.in/everything-related-to-on-page-seo.

5 – Image & Video SEO भी बहुत इंपॉर्टेंट है?

हममें से ज्यादातर लोग keyword stuffing Image or Video File Name, Title, Description, Alt Text और Caption कर देते हैं. सर्च इंजन भली-भांति सब कुछ जानता है.

Keyword stuffing करने से हमेशा बचें. डायरेक्ट कीवर्ड के जगह आप सायनोनिम्स या पर्यायवाची शब्दों का प्रयोग कर सकते हैं.

  • Image or Video File Name – इमेज या वीडियो का सही एवं संक्षिप्त नाम
  • Image or Video File Name URL – इमेज एवं वीडियो के नाम का सही व्याख्या.
  • Title – तस्वीर का मुख्य शिक्षक के रूप में प्रयोग किया जाता है.
  • Description – इमेज की पूर्ण व्याख्या की जाती है.
  • Alt Text – ऑल्ट टेक्स्ट (वैकल्पिक टेक्स्ट), जिसे “ऑल्ट एट्रिब्यूट्स” के रूप में भी जाना जाता है, एक पृष्ठ पर एक इमेज की उपस्थिति और कार्य का वर्णन करता है.
  • Caption – फोटो का एडीशनल इनफॉरमेशन जो पूरी तरह रीडर्स के लिए होता है.

जब कभी आप इमेज अपने वेबसाइट के लिए डिजाइन करते हैं तो ध्यान रखें कि इमेज बिल्कुल यूनिक होना चाहिए. आपके इमेज से कोई ना कोई मतलब निकलना चाहिए.

इमेज या वीडियो में कीवर्ड टेस्ट का प्रयोग करने से बचें. आपका इमेज एवं वीडियो साफ सुथरा एवं आकर्षक होना चाहिए. अपने वेबपेज पर 200 केबी से कम साइज के इमेज का प्रयोग करें.

ऑनलाइन इमेज को ऑप्टिमाइज करने के बहुत सारे फ्री टूल ऑनलाइन उपलब्ध हैं. जिससे आप अपने इमेज के क्वालिटी बिना घटाएं हुए ही उनके केबी को कम कर सकते हैं.

6 – Link आपके वेब पेज का वैल्यू ऐड करता है

आपको यहां तक पढ़ने से साफ साफ पता चल गया होगा कि मुझे seo के बारे में ज्ञान है. ऐसे में मैंने कई वेबसाइटों का लिंक इस आर्टिकल में डाला है. आखिर आप कहेंगे कि आप किसी दूसरे वेबसाइट को स्टर्नल लिंक क्यों दे रहे हैं.

हाई डोमेन अथॉरिटी वाले वेबसाइट को अगर आप स्टर्नल लिंक देते हैं तो आपका रैंकिंग इंप्रूव होगा. सर्च इंजन को रिलेवेंट शब्द बहुत पसंद है.

जितना आप बैक लिंक के लिए परेशान होते हैं, उससे कहीं ज्यादा फायदा आपको इंटरनल लिंक से मिलेगा. अगर आपको भरोसा नहीं है तो आप आजमा के देख लीजिए.

आपने खुद इस आर्टिकल को पढ़ते हुए पाया होगा कि मैंने इस वेब पेज में 10 से भी ज्यादा इंटरनल लिंकिंग अपने वेबसाइट के अन्य आर्टिकल के साथ किया है.

एंकर टेक्स्ट क्या होता है? एंकर टेक्स्ट एक पृष्ठ पर एक क्लिक करने योग्य हाइपरलिंक के साथ संलग्न टेक्स्ट होता है। आप किसी अन्य स्रोत से लिंक करते समय एंकर टेक्स्ट का उपयोग करना चाहेंगे, चाहे वह कोई अन्य URL हो, PDF दस्तावेज़ हो, या कोई अन्य ऑनलाइन मीडिया हो.

एंकर टेक्स्ट के रूप में कभी भी प्लेन कीवर्ड को टारगेट ना करें. सर्च इंजन से बहुत ही गंभीरता से लेता है. ध्यान रखें यह तीनों प्रकार के लिंक (स्टर्नल, इंटरनल व बैक) पर अप्लाई होता है.

7 – Page Speed बढ़ाने के लिए अपने वेबसाइट को ऑप्टिमाइज कैसे करें

अगर आप एक ब्लॉगर होने के साथ-साथ एक बेहतरीन वेब डेवलपर है तो इसको ना पढ़ें. आप सिर्फ अपने वेबसाइट के लिए कंटेंट राइटिंग करते हैं तो आप इन तरीकों को अपनाकर के अपने वेबसाइट के स्पीड को बढ़ा सकते हैं.

  • सबसे पहले इमेज को ऑप्टिमाइज करें.
  • रिलेटेड पोस्ट की संख्या कम करें, उसके बदले इंटरनल लिंकिंग पर ज्यादा ध्यान दें.
  • रिलेटेड या पॉपुलर पोस्ट में इमेज का प्रयोग करने से बचें.
  • कम से कम प्लगइन का प्रयोग करें.
  • अपने वेबसाइट को हमेशा अपडेट रखें.
  • एडसेंस के अलग-अलग पोस्टर का एनालिसिस करें, जिस पोस्टर पर कम क्लिक आता हो तो उसे हटा देने से आपके वेबसाइट का स्पीड बढ़ेगा.
  • क्लाउडफ्लेयर का फ्री सीडीएन का उपयोग करें.
  • डब्ल्यूपी रॉकेट जैसे प्लगइन कैचिंग के लिए प्रयोग करें.
8 – गूगल सर्च कंसोल पर हमेशा नजर बनाए रखें

आपके वेबसाइट के स्वास्थ्य का एनालिसिस गूगल सर्च कंसोल करता है जिसे पहले गूगल वेब मास्टर बोला जाता था. आपके वेबसाइट में सर्च इंजन एवं रीडर से संबंधित कोई भी समस्या हो तो सबसे पहले आपको गूगल सर्च इंजन इनफॉर्म करता है.

गूगल सर्च इंजन में मुख्य रूप से 4 से 5 एरर आता है, जिसे आप को खुद से ही ठीक कर लेना चाहिए.

501 Error (Server error – 5xx) – अगर आपके वेबसाइट के किसी यूआरएल के साथ यह एरर आता है तो आपको तुरंत ठीक कर लेना चाहिए. 501 यह एरर कोड बताता है कि आपने जहां से होस्टिंग खरीदा है, वह ठीक से सेवा नहीं दे रहा है.

आपको अपने होस्टिंग प्रोवाइडर से इस बारे में तुरंत बात करना चाहिए. इसका सीधा सा मतलब है कि सर्वर उस समय के रिक्वेस्ट को रिस्पांस नहीं कर रहा है.

Noindex – नो इंडेक्स कोड का इंप्लीमेंटेशन सही से करें. अगर आपका कोई वेब पेज पहले से ही इंडेक्स हो रखा है तो आप उस पर Noindex Code लगाने के जगह 301 रीडायरेक्ट कर दें. अगर वह वेब पेज इंटेक्स नहीं हुआ है तो आप बेझिझक होकर के Noindex Code प्रयोग कर सकते हैं.

अनचाहा यूआरएल बनने की स्थिति में – अनचाहा यूआरएल अगर आपके वेबसाइट में बनता है तो मान लीजिए कि यह एक प्रकार का कोड इंजेक्शन या हैकिंग है. ऐसे मैं आपको अपने वेबसाइट का पूरा डाटा बेस को खंगालना पड़ेगा.

आपको ऐसे यूआरएल को डेटाबेस से ही डिलीट करना पड़ेगा. जब वहां से डिलीट हो जाएगा तो जब आप उस यूआरएल को किसी भी ब्राउज़र पर ओपन करेंगे तो आपको 401 error मिलेगा.

401 error – सीधा सा मतलब यह है कि आपके डेटाबेस में इससे संबंधित कोई भी डाटा उपलब्ध नहीं है. ऐसे में आपका वेबसाइट 401 का एरर शो करेगा. सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन के हिसाब से यह गलत नहीं है.

अगर आपको भरोसा ना हो तो अपने वेबसाइट के यूआरएल के पीछे कोई भी एक्स्ट्रा शब्द जोड़ दीजिए तो ऐसे में आपको यह एरर दिखाएगा.

अगर आपका वेबसाइट 401 का एरर नहीं दिखाता है तो इसका मतलब हुआ कि, आपके वेबसाइट में यह पेज नहीं बना है. सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन के लिए यह होना अति आवश्यक है.

Alternate page with proper canonical tag – गूगल सर्च कंसोल पर आपको यह अक्सर देखने को मिलता होगा. इसका मतलब यह हुआ कि आपने canonical tag का प्रयोग नहीं किया है.

आपके जिस यूआरएल में यह एरर दिखा रहा है उसे आप अपने वर्डप्रेस के एडमिन में जाकर के उस यूआरएल को ओपन कीजिए और यहां पर चेक कीजिए.

इसके अलावा गूगल सर्च कंसोल में आपको वेबसाइट का स्पीच, यूजर फ्रेंडली एवं मोबाइल फ्रेंडली जैसे एरर के बारे में भी आपको बताता है.

9 – Sitemap – XML, HTML & Image के अलावा Google FeedBurner जरूर उपयोग करें

साइटमैप ही वह द्वार है जिसके द्वारा गूगल बाट आपके वेबसाइट तक पहुंचते हैं. अगर आप यह तीनों प्रकार के ही साइटमैप का प्रयोग करेंगे तो आपके वेबसाइट का क्रॉलिगं फास्ट होगा. जब तक क्रॉलिगं नहीं होगा तब तक इंडेक्सिंग एवं रैंकिंग का तो प्रश्न ही नहीं उठता है.

  • Sitemap XML – एक्सएमएल साइटमैप सर्च इंजन के क्रॉलर के लिए होता है.
  • Sitemap HTML – एचटीएमएल साइटमैप रीडर एवं सर्च इंजन के लिए होता है.
  • Sitemap Image – इमेज साइटमैप रीडर एवं सर्च इंजन के लिए होता है.

इन तीनों ही साइटमैप को गूगल सर्च कंसोल में सम्मिट जरूर कीजिए साथ ही इसे आप रोबोट्स टीएक्सटी फाइल में भी डाल दीजिए.

Google FeedBurner – गूगल फीड बर्नर में अपने जीमेल अकाउंट के द्वारा साइन अप कर सकते हैं. उसके बाद अपने वेबसाइट का डिटेल भर दीजिए, याद रखिएगा एक्सएमएल साइटमैप सबमिट करना गूगल फीड बर्नर पर नहीं भूलिएगा.

10 – कोई भी तरीका खोजिए रीडर्स को अपने वेबसाइट पर कम से कम 5 मिनट के लिए रोकिए

जी हां, अगर आपको बोलोगी के क्षेत्र में बने रहना है तो आपको अपने वेबसाइट पर रीडर्स का इंगेजमेंट किसी न किसी कीमत पर बढ़ाना ही होगा.

कंटेंट मैनेजमेंट – अपने वेबसाइट से आउटडेटेड कंटेंट को जल्द से जल्द हटा देना चाहिए. उसके जगह फ्रेश कंटेंट डाल देना चाहिए. अगर यह नहीं हो सके तो ऐसे में उस वेब पेज को डिलीट कर दीजिए.

उस वेबपेज को डिलीट करने के बाद 301 रीडायरेक्ट करना ना भूलिएगा. अगर आप भी डाले नहीं करेंगे तो 401 का अगर आपको गूगल सर्च कंसोल में देखने को मिलेगा.

कंटेंट रेटिंग – अपने रीडर का इंगेजमेंट बढ़ाने के लिए आप कंटेंट को रेटिंग देने के लिए स्टार मार्किंग को आप अपने वेबसाइट में प्लगिंग के जरिए ऐड कर सकते हैं.

सर्वे – अपनी वेबसाइट पर आप सर्वे के फॉर्म डाल सकते हैं जिससे यूजर दो-तीन मिनटों के लिए सर्वे करने में बिजी रह सकता है.

गेम एवं क्विज – गेम और क्विज को भी आप प्लगिंग के जरिए अपने वेबसाइट में डाल सकते हैं. इससे भी आपके वेबसाइट में इंगेजमेंट बढ़ेगा.

अच्छे टाइटल का प्रयोग – अगर आप अच्छे टाइटल का प्रयोग करेंगे तो रीडर्स नीचे तक स्क्रोल करेंगे.

अपनी वेबसाइट डिजाइन सिंपल रखें – याद रखिए आपके वेबसाइट का कोई भी तड़क-भड़क देखने के लिए नहीं आता है उसे क्वालिटी कंटेंट चाहिए.

आखरी प्रयास – गूगल सर्च इंजन का साफ-साफ मोटिव है कि जो भी यूजर, अगर आपके वेबसाइट पर ना रुके तो कम से कम वह दूसरे वेबसाइट पर चला जाए. गूगल कभी भी यह नहीं चाहता है कि आए हुए यूजर तुरंत क्रोम का बैक बटन दबाकर के क्रोम को ही बंद कर दें.

11 – अपनी वेबसाइट का आर्किटेक्चर एवं नेविगेशन को ठीक कीजिए

याद रखिएगा कि आपके वेबसाइट का आर्किटेक्चर जितना यूजर फ्रेंडली होगा आपको रैंकिंग में उतना ही ज्यादा फायदा होगा. यूज़र आपके वेब पेज के किसी भी भाग से दूसरे पेज पर बहुत आसानी से जा सके उसके लिए आपको नेवीगेशन सिस्टम बहुत ही चुस्त-दुरुस्त करने की आवश्यकता है.

वेबसाइट नेम – वेबसाइट के नाम को Clickable बनाइए और Header स्टिकी बनाइए. बाकी यूजर किसी भी समय होम पेज पर आ सकें.

टेब बटन – आपके वेबसाइट पर टेब बटन होना आवश्यक है, यही नहीं टेब बटन पर मेनू बहुत अच्छे से व्यवस्थित होना चाहिए ताकि यूजर आसानी से नेविगेट कर सके.

हेडर में सर्च बटन – वेबसाइट के हेडर में ही सर्च बटन होना चाहिए. ताकि यूजर को आपके वेबसाइट पर कुछ भी सर्च करने में थोड़ी सी भी परेशानी ना हो.

हर दूसरे तीसरे पैराग्राफ में इंटरलिंकिंग – नेविगेशन के पॉइंट को ध्यान में रखते हुए कोशिश करें कि लेख के हर दूसरे या तीसरे पैराग्राफ में लिंक अवश्य डालें.

एचटीएमएल साइटमैप – एचटीएमएल एंड एक्सएमएल साइटमैप कॉलिंग वेबसाइट के फुटर एवं फीडर में जरूर डालें.

रिलेटेड पोस्ट – रिलेटेड पोस्ट की व्यवस्था अपने वेबपेज पर जरूर करें. इससे यूजर का इंगेजमेंट आपके व्यवसाय पर बढ़ेगा.

फुटर – फुटर पर कैटेगरी एवं मोस्ट रीडेट आर्टिकल को सही से व्यवस्थित करें.

सोशल मीडिया के टेब को अवश्य ऐड करें – कहां जाता है कि यह सोशल मीडिया का दौर है ऐसे में अगर आप अपने वेबसाइट पर सोशल मीडिया के टाइप नहीं डालते हैं तो ऐसे में यूजर आपके वेबसाइट के यूआरएल को कॉपी करके भेजते हैं.

गूगल के नए एल्गोरिथ्म के हिसाब से ऐसे करने पर आपके वेबसाइट का रैंक डाउन होगा. गूगल अपने हर नए एल्गोरिथ्म में यूजर के पॉइंट भी उसे ही सोचता है. गूगल की हमेशा कोशिश होती है किसी भी कीमत पर उनके रीडर्स को बेस्ट रिजल्ट आसानी से मिले.

Breadcrumbs – नेविगेशन को दुरुस्त करने के लिए ब्रेड एस्क्रम भी एक अच्छा टूल है. आज के समय ज्यादातर वर्डप्रेस के थीम में यह फंक्शनैलिटी इंक्लूडेड होता है. इसके लिए सिर्फ आपको एक्टिव बटन दबाना होगा.

Comment Box – अगर आपके वेबसाइट पर कमेंट बॉक्स नहीं है तो ऐसे में आपको तुरंत ही कमेंट बॉक्स बनवा लेना चाहिए. अगर आप वर्डप्रेस प्लेटफार्म को यूज करते हैं तो इसके लिए आप प्लगइन का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.

Author Box – अगर आप वेबसाइट ओनर है तो यह बात तय कर लीजिए कि आपको अपने वेबसाइट के प्रति एक वेब पेज पर ऑथर बॉक्स एक्टिव करना होगा.

ऑथर बुक्स होने से कंटेंट लिखने वाले की अथॉरिटी बढ़ाता है. यह बात गूगल जैसे सर्च इंजन को कुछ ज्यादा ही पसंद है.

Conclusion Points

ऑन पेज एसईओ उच्च वेब ट्रैफिक स्तर अर्जित करने और साइट की दृश्यता में सुधार के लक्ष्य के साथ Google खोज के लिए एक वेबसाइट को अनुकूलित करने की प्रक्रिया है। इस अभ्यास में कई तकनीकें शामिल हैं, जिनमें सही कीवर्ड चुनना, सम्मोहक सामग्री बनाना और साइट आर्किटेक्चर में सुधार करना शामिल है।

जब सही तरीके से किया जाता है, तो ऑन पेज एसईओ किसी वेबसाइट पर ट्रैफ़िक लाने में अविश्वसनीय रूप से प्रभावी हो सकता है।

हालाँकि, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि जब SEO की बात आती है तो कोई जादू की गोली नहीं होती है। किसी भी ऑन पेज ऑप्टिमाइज़ेशन अभियान की सफलता कई कारकों पर निर्भर करती है, जिसमें वेबसाइट की गुणवत्ता और लक्षित कीवर्ड के लिए प्रतिस्पर्धा शामिल है।

आपने ऑन पेज एसईओ के बारे में पढ़ा, जहां तक मुझे लगता है कि अभी भी इस टॉपिक में बहुत कुछ बाकी है. इससे संबंधित आपके पास अगर कोई भी प्रश्न हो तो कमेंट बॉक्स में जरूर लिखिए. आप प्रश्न पूछे मैं जल्द ही उत्तर देने का कोशिश करूंगा, धन्यवाद.

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